जयपुर (ईएमएस)। सहकारी समितियों पर शिकंजा कसने के लिए राज्य सरकार सख्त हो गई है.समय पर ऑडिट नहीं कराने वाली सोयायटीज की खैर नहीं.सहकारिता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए है. प्रदेश में समय पर ऑडिट नहीं कराने वाली सोसायटीज पर अब गाज गिरेगी.सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव मंजू राजपाल ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए है। ऑडिट योग्य जिन सहकारी समितियों द्वारा बार-बार प्रयासों के बाद भी ऑडिट नहीं करवाई जा रही है, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी. इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यदि ऐसा हुआ तो अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं केंद्र सरकार द्वारा निष्क्रिय पैक्स के चिह्नीकरण और अवसायन के संबंध में 30 जून की समय सीमा निर्धारित की हुई है. इस संबंध में एसओपी के अनुरूप समयबद्ध रूप से कार्यवाही की जाएगी इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। नई पैक्स के गठन के बाद उनकी कार्यकारिणी के गठन, सुदृढ़ीकरण और अल्पकालीन ऋण सुविधा शुरू करने पर विशेष रूप से फोकस है. इस संबंध में शीघ्र ही एक फॉर्मेट बनाकर साझा किया जाएगा, जिसमें समिति के कार्यकलापों से संबंधित जानकारी भरकर भिजवानी होगी। सभी समितियां कम से कम 3 नई गतिविधियां शुरू करनी होगी.जिन पैक्स के पास जमीन उपलब्ध है, उनके द्वारा मनरेगा के अंतर्गत नर्सरी खोलने की कार्यवाही की जा सकती है.प्रत्येक जिले में न्यूनतम 20 सहकारी समितियों द्वारा नर्सरी शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित कार्य किए जाए। अशोक शर्मा/ 5 बजे/ 5 मई 2025