अहमदाबाद (ईएमएस)| मुख्यमंत्री पेंद्र पटेल ने छत्राल में मोटाबार कडवा पाटीदार समाज सुधारक मंडल द्वारा आयोजित कैम्पस के लोकार्पण तथा नेचुरोपैथी सेंटर के उद्घाटन समारोह के अवसर पर विकसित भारत@2047 तथा विकसित गुजरात के लिए सहभागी बनने एवं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए नौ संकल्पों को चरितार्थ करने का अनुरोध किया। भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि यह संस्था इन नौ संकल्पों में से कैच द रेन, स्वच्छता को स्वभाव बनाने, एक पेड़ माँ के नाम आह्वान से पेड़ लगाने, प्राकृतिक खेती जैसे संकल्पों के साथ अन्यों को भी मार्गदर्शन दे। उन्होंने आगे कहा कि संस्था में शुरूकिए गए नेचुरोपैथी सेंटर में प्राकृतिक खेती अपना कर रासायनिक खेती को नकारा जाए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बेटियो के लिए शुरू की गई नमो लक्ष्मी तथा नमो सरस्वती योजना की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विकास के किसी भी क्षेत्र में जब सरकार के साथ समाज भी जुड़ता है, तो उस राज्य एवं राष्ट्र की विकास की गति दुगुनी हो जाती है। भूपेंद्र पटेल ने आज के समय में कम उम्र में होने वाली गंभीर बीमारियों के परिप्रेक्ष्य में कहा कि इस प्रकार की समस्याओं के दमन के लिए प्राकृतिक खेती आज के समय की मांग है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं राज्यपाल के मार्गदर्शन से राज्य में अधिकांश किसान इस ओर मुड़े हैं। समारोह में उपस्थित पूर्व उप मुख्यमंत्री नीतिनभाई पटेल ने संस्था द्वारा होने वाली गतिविधियों का वर्णन किया। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ राज्य एवं राष्ट्र के विकास में सहभागी होने को कहा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित महानुभावों के करकमलों से मोटाबार कडवा पाटीदार समाज द्वारा समाज के अग्रणियों एवं दाताओं के माध्यम से निर्मित किए गए पैंतीस बीघा विशाल क्षेत्र वाले दम्पू पटेल कैम्पस का नामकरण किया गया। इसके अलावा; समत्व नेचुरोपैथी सेंटर का शुभारंभ किया गया। यहाँ उल्लेखनीय है कि दम्पू कैम्पस में स्थित समत्व नेचरक्योर सेंटर में शरीर के मूलभूत तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य की देखभाल की जाएगी। इसमें हाइड्रो थेरेपी, मड थेरेपी, हेलियो थेरेपी, प्राणायाम सहित आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, योग व ध्यान, फिजियो थेरेपी, पंचकर्म, मसाज व बॉडी थेरेपी, आहार एवं जीवन शैली, फास्टिंग थेरेपी, एक्युप्रेशर, एक्युपंक्चर सहित विभिन्न पद्धतियों पर विशेष ध्यान रखा जाता है। सतीश/05 मई