इन्दौर (ईएमएस) द आयडियल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल, जोशी कॉलोनी, तेजाजी नगर, खंडवा रोड पर आयोजित 12 वें संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा यज्ञ के चौथे दिन भक्ति, वेदांत, भावनाओं और उल्लास के अनुपम संगम के बीच कथावाचक पंडित देवकरण पंड्या (हरनावदा, उज्जैन) ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई, जिसमें नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की जैसे भजन पर पूरा पंडाल भक्ति में झूम उठा। श्रद्धालु नृत्य करते हुए भगवान के अवतरण का स्वागत कर रहे थे। पंडित देवकरण पंड्या ने श्रीकृष्ण जन्म के साथ-साथ यह संदेश दिया कि भगवान ने हमेशा धरती पर धर्म की पुनःस्थापना के लिए अवतार लिया है। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन से हमें यह सिखाया कि माता-पिता के चरणों में सच्चा परमात्मा बसता है। उन्होंने कहा कि माखन चोरी करना भी प्रतीक है सार तत्व को ग्रहण करना और असार को छोड़ देना। उन्होंने श्रोताओं को संसार की क्षणभंगुरता से उबरकर आत्मिक सार की ओर उन्मुख होने का संदेश दिया। कथा के दौरान एक ऐसा भावनात्मक क्षण भी आया जब आयोजक भूपेंद्र पाटिल के पिता स्व. भास्कर राव पाटिल और माता स्व. श्रीमती ताराबाई पाटिल की स्मृति में एक भजन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान आयोजक भूपेंद्र पाटिल की आंखें भर आईं और पूरा पंडाल गमगीन हो गया। कथा व्यास पंडित देवकरण पंड्या भी अपने भावों को रोक नहीं सके। यह क्षण सभी श्रद्धालुओं को भीतर तक छू गया। आनन्द पुरोहित/ 23 मई 2025