नई दिल्ली (ईएमएस)। तनाव, चिंता या शारीरिक थकान से राहत की बात हो तो बालासन बेहद कारगर आसन माना जाता है। इस योगासन को अंग्रेज़ी में ‘चाइल्ड पोज’ कहा जाता है। यह एक सरल लेकिन असरदार योग मुद्रा है जो न केवल तनाव कम करने में बल्कि शरीर की लचीलापन बढ़ाने में भी मदद करती है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर घुटनों के बल बैठें। नितंबों को एड़ियों पर टिकाकर धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। माथा जमीन से छूने दें और दोनों हाथों को आगे की ओर फैला लें या फिर शरीर के साथ पीछे की तरफ भी रख सकते हैं। इस दौरान गहरी सांस लें और 30 सेकंड से 1 मिनट तक इसी स्थिति में रहें। इसके बाद धीरे-धीरे सांस लेते हुए सामान्य अवस्था में लौटें। विशेषज्ञों के अनुसार इस आसन को करने से मन शांत होता है और शरीर को गहराई से आराम मिलता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के मुताबिक बालासन का नियमित अभ्यास दिमाग को शांत करता है और तंत्रिका तंत्र को आराम देता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है और थकान दूर करने में मददगार होता है। इसके अलावा यह पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी है। इसका अभ्यास अपच, वात और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है। जो लोग लंबे समय तक ऑफिस में बैठकर काम करते हैं, उनके लिए यह आसन बेहद उपयोगी है क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी को खींचता है और पीठ दर्द को कम करने के साथ लचीलापन भी बढ़ाता है। बालासन कूल्हों, जांघों और घुटनों की मांसपेशियों को भी स्ट्रेच करता है जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। नियमित अभ्यास अनिद्रा की समस्या को भी कम करता है और गहरी नींद में सहायक होता है। हालांकि गर्भवती महिलाओं या घुटने और पीठ की गंभीर समस्याओं से जूझ रहे लोगों को यह आसन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसे खाली पेट या भोजन के कुछ घंटों बाद करना ज्यादा फायदेमंद होता है ताकि शरीर को इसका पूरा लाभ मिल सके। बता दें कि आज के भागदौड़ और तनाव भरे जीवन में योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक वरदान माना जाता है। सुदामा/ईएमएस 09 जुलाई 2025