राष्ट्रीय
09-Jul-2025


नई दिल्ली(ईएमएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसवीपीयूएटी), मेरठ में उत्तर प्रदेश एग्रीटेक इनोवेशन हब और एग्रीटेक स्टार्टअप तथा टेक्नोलॉजी शोकेस का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि, कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी उपस्थित थे। इस अवसर पर आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा, एसवीपीयूएटी के कुलपति डॉ. केके सिंह तथा अन्य गणमान्यों की उपस्थिति बनी रही। प्रधान ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को समय की बदलती जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए बधाई दी और कहा कि इससे भारतीय किसानों को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि विकसित गांवों और समृद्ध किसानों के बिना विकसित भारत की परिकल्पना अधूरी है और यह पहल उस दिशा में एक सार्थक और ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत हाल ही में केंद्रीय बजट में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की घोषणा की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ भारत के कृषि क्षेत्रों तक पहुंचे। जयंत चौधरी ने ग्रामीण युवाओं और किसानों को कृषि तकनीक से प्रेरित प्रगति के नए युग को अपनाने के लिए सशक्त बनाने में हब के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने परंपरा को प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में एसवीपीयूएटी में मॉडल स्मार्ट फार्म में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन पर एक सत्र आयोजित किया गया। एग्रीटेक में अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी रोपड़ और एसवीपीयूएटी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बीस एग्रीटेक स्टार्टअप की एक प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें उनके अभिनव उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन किया गया। आधुनिक और टिकाऊ खेती के तरीकों में उनके योगदान के लिए कुछ प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन, किसान-केंद्रित पहल और आगामी स्टार्टअप और कौशल कार्यक्रमों की घोषणाएं भी शामिल थीं, जो उत्तर प्रदेश में भविष्य के लिए तैयार कृषि संस्कृति के निर्माण की दिशा में एक साहसिक कदम का संकेत था। वीरेंद्र/ईएमएस/09जुलाई2025 ---------------------------------