राज्य
14-Sep-2025


सिरोंज (ईएमएस)। सिरोंज जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नायब सदर मौलाना असजद मदनी अपने काफिले के साथ सिरोंज पहुंचे । मार्ग में अनेक स्थानों पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ज़िंदाबाद के नारों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनका काफिला बायपास रोड से होते हुए बासौदा रोड पहुंचा, जहां से रोहिलपुरा चौराहा, लिंक रोड, छतरी नाका, बलेजा पेट्रोल पंप, नया बस स्टैंड और पुराना बस स्टैंड होते हुए शहर का भ्रमण किया। पूरे मार्ग पर स्थानीय नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने अभूतपूर्व उत्साह के साथ उनका स्वागत किया। ग्राम नाडिया के कॉमेडी चौराहा पर हाफिज शफीक के नेतृत्व में विशेष अखाड़े का आयोजन हुआ। इसके बाद मौलाना सिरोंज पहुंचे, जहां नायब सदर जमीयत उलेमा मध्य प्रदेश गाजी वली अहमद चिश्ती के मार्गदर्शन में, जिला अध्यक्ष मुफ्ती अली अहमद कासमी और ब्लॉक अध्यक्ष मुफ्ती हफीज अहमद कासमी की निगरानी में हाफिज अहद शाह के नेतृत्व में उनका भव्य स्वागत किया गया। रात्रि में नमाज़-ए-ईशा के बाद सुहाग गार्डन में विशेष जलसे का आयोजन हुआ। इसकी शुरुआत मुफ्ती हफीज अहमद कासमी द्वारा कुरान की तिलावत से हुई, । जलसे की सदारत ख्वाजा-ए-मिल्लत हजरत मौलाना गाजी वली अहमद ने की, जबकि मंच संचालन जिला अध्यक्ष मुफ्ती अली अहमद कासमी ने किया। तकरीर मुफ्ती युसूफ कासमी ने दी, जिसमें उन्होंने एकता, इंसानियत और मजलूमों की हिमायत पर ज़ोर दिया। गाजी वली अहमद चिश्ती ने अपने प्रेरणादायक वाक्य को दोहराया: एक हो जाओ और नेक हो जाओ। यह संदेश लोगों के दिलों में उतर गया और सामाजिक सौहार्द को और मजबूत किया। इस दौरे में मौलाना असजद मदनी के साथ विशेष मेहमानों में मुफ्ती मोहम्मद, मुफ्ती शहाबुद्दीन साहब (जनरल सेक्रेटरी, जमीयत उलेमा झारखंड) और मुफ्ती मोहम्मद अहमद खान साहब (सदर, जमीयत उलेमा-ए-हिंद मध्य प्रदेश) शामिल रहे। इनकी गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया। जलसे का समापन मौलाना मदनी की दुआ से हुआ, जिसमें उन्होंने देश की सलामती, मजलूमों की राहत और समाज में अमन-ओ-शांति की कामना की। इस आयोजन को सफल बनाने में शोएब एडवोकेट (जिला जनरल सेक्रेटरी) और जमीयत वॉलंटियर्स की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। उन्होंने दिन-रात मेहनत कर आयोजन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया। मौलाना मदनी ने अपने संबोधन में कहा: जमीयत उलेमा-ए-हिंद हर मजलूम के साथ खड़ी है। हमारा उद्देश्य देश में अमन और शांति का पैगाम देना है और इसकी अखंडता को बनाए रखना है। ईएमएस / 14/09/2025