- दस साल में 30 से ज़्यादा फर्जी डॉक्टरों की गिरफ्तारी की कार्रवाई भिवंडी, (ईएमएस)। मुंबई से सटे भिवंडी शहर को मज़दूरों का शहर कहा जाता है। क्योंकि यहां पावरलूम कारखाने सबसे ज्यादा हैं। साथ ही कई प्रमुख कंपनियों के बड़े-बड़े गोदाम हैं। शहर के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब और अशिक्षित नागरिकों की मजबूरी का फायदा उठाकर कई फर्जी डॉक्टरों ने क्लीनिक खोल लिए हैं। पिछले 10 सालों में महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर 30 से ज़्यादा फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की है। अभी ताजा मामला तीन फर्जी डॉक्टरों का है जिनके खिलाफ शांतिनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। इससे झोलाछाप डॉक्टरों के बीच हड़कंप मचा है और कई अपने क्लीनिक बंद करके भाग गए हैं। जिन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनके नाम हैं- भीमराव ग्यानबा कावडे, मोहम्मद शमीम सिद्दीकी तथा मोहम्मद अयूब मोहम्मद हनीफ। बताया गया है कि मनपा के चिकित्सा अधिकारी और पुलिस टीम ने कल शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच संयुक्त कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान, टीम ने नागांव क्षेत्र के भीमराव ग्यानबा कावडे के मेडिकल प्रमाण पत्र की जाँच की। इस दौरान कावडे ने टीम को अपना एन.ई.एच.एन. डिग्री प्रमाण पत्र दिखाया। यह डिग्री धारक ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक चिकित्सा, योग और एक्यूपंक्चर जैसे उपचार प्रदान कर सकता है। उसे शहरी क्षेत्रों में एलोपैथिक दवाओं और उपचार विधियों का पालन करने की अनुमति नहीं है। जब भीमराव कावडे के क्लिनिक की एक पंच की उपस्थिति में तलाशी ली गई, तो वहां से कई एलोपैथिक चिकित्सा उपकरण और दवाइयाँ मिलीं। जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की। इसके बाद चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस की एक टीम ने शांतिनगर क्षेत्र में मोहम्मद शमीम सिद्दीकी के क्लिनिक के खिलाफ कार्रवाई की। उनके पास एक बी.ई.एम.एस. डिग्री प्रमाण पत्र मिला। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में बिना अनुमति के उनके कब्जे में एलोपैथिक उपचार के लिए चिकित्सा उपकरण और दवाइयाँ भी पाईं। फिर टीम ने गायत्रीनगर क्षेत्र के नूरी नगर डोंगरपाड़ा में तीसरी कार्रवाई की। वहां, मोहम्मद अयूब मोहम्मद हनीफ नाम का एक व्यक्ति एक कोने में बैठा था। जब उससे मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा गया, तो पता चला कि उसके पास कोई मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं है। मोहम्मद अयूब मोहम्मद हनीफ बिना किसी मेडिकल डिग्री के अवैध रूप से क्लिनिक चलाता पाया गया। उनके क्लिनिक से बड़ी मात्रा में एलोपैथिक चिकित्सा उपकरण और दवाइयाँ जब्त की गईं। डॉ. राजकुमार शर्मा की शिकायत के बाद शांतिनगर पुलिस स्टेशन में भीमराव कावडे, मोहम्मद शमीम सिद्दीकी तथा मोहम्मद अयूब मोहम्मद हनीफ के खिलाफ बिना किसी मेडिकल सर्टिफिकेट के नागरिकों को गुमराह करने और धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। * अब तक 30 से ज्यादा फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई भिवंडी में फर्जी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद भी शहर में कई फर्जी क्लीनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, शहर में गली-मोहल्लों और यहां तक कि सर्जिकल जगहों पर भी अवैध रूप से क्लीनिक चलाए जा रहे हैं। 2015 से, मनपा प्रशासन ने अवैध क्लीनिक चलाने वाले 30 से ज्यादा फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है। उनके खिलाफ शहर के विभिन्न पुलिस थानों में महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। संतोष झा- १४ सितंबर/२०२५/ईएमएस