ओटावा,(ईएमएस)। कनाडा के चिकित्सा क्षेत्र ने एक दुर्लभ चमत्कार करने जैसा काम कर दिखाया है। इस चकित्सकीय चमत्कार के कारण 20 वर्षों से लगभग अंधेपन का जीवन जी रहे 34 वर्षीय ब्रेंट चैपमैन की आंखों में फिर से रोशनी लौट आई है। चैपमैन ने ‘टूथ-इन-आई’ नामक जटिल सर्जरी के जरिए अपनी दाहिनी आंख की दृष्टि वापस पाई है। जानकारी अनुसार चैपमैन महज 13 साल की उम्र में स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम बीमारी से पीड़ित हो गए थे, जो इबुप्रोफेन के प्रति गंभीर प्रतिक्रिया के कारण हुआ था। इस बीमारी ने उनके शरीर पर जलने जैसे घाव कर दिए और उनकी एक आंख पूरी तरह से तथा दूसरी लगभग अंधी हो गई। पिछले दो दशकों में वे करीब 50 बार कॉर्निया ट्रांसप्लांट जैसी सर्जरी करवा चुके थे, लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगी। आखिरकार फरवरी 2025 में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के कॉर्नियल सर्जन डॉ. ग्रेग मोलोनी ने ‘ऑस्टियो-ओडोन्टो-केराटोप्रोस्थेसिस’ प्रक्रिया अपनाई, जिसे आमतौर पर ‘टूथ-इन-आई सर्जरी’ कहा जाता है। इस जटिल तकनीक में मरीज के दांत को निकालकर उसमें कृत्रिम लेंस लगाया जाता है और कुछ समय बाद उसे आंख में प्रत्यारोपित कर कॉर्निया की जगह दी जाती है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब सभी अन्य उपाय असफल हो जाएं। अगस्त में अंतिम सर्जरी के बाद चैपमैन को दाहिनी आंख से 20 से 30 फीसदी की रोशनी मिल गई। पहली बार जब उन्होंने वैंकूवर का स्काईलाइन देखा और डॉक्टर से आंखों में आंखें मिलाईं, तो दोनों ही भावुक हो उठे। चैपमैन ने कहा, मैंने 20 साल से किसी से आंख मिलाकर बात नहीं की थी। यह मेरे लिए एक नया जीवन है। अब वे फिर से मसाज थेरेपिस्ट के रूप में काम शुरू करने और अपने सपनों की यात्रा जापान जाने की योजना बना रहे हैं। सबसे अधिक खुशी उन्हें अपनी छोटी भतीजी और भतीजे को देखने से मिली है। डॉ. मोलोनी का कहना है कि यह मामला साबित करता है कि लंबे समय से अंधेपन से जूझ रहे कुछ मरीजों में भी दृष्टि लौटाना संभव है। हिदायत/ईएमएस 19सितंबर25