इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में जस्टिस प्रणय वर्मा की एकल पीठ ने इन्दौर के एम वाय अस्पताल में चूहों के काटने से नवजात की मौत मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग, ट्राइबल वेलफेयर विभाग, एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर एवं एम.वाय. अस्पताल के अधीक्षक सहित एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विस लिमिटेड (नोएडा) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका चूहों के काटने से बेबी ऑफ मंजू नामक नवजात शिशु की मौत के मामले में मृत बेबी के परिजन ने दायर करते घटना की न्यायिक जांच हाई कोर्ट के सेवानिवृत जज की अध्यक्षता में कराई जाने तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की गई है। ज्ञात हो कि एमवाय अस्पताल के इस बहुचर्चित चूहा कांड जिसमें चूहों के काटने से दो नवजात की मौत हो गई थी, में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले को लेकर अखबारों में छपी खबरों के आधार पर स्वतः संज्ञान ले जनहित याचिका दर्ज कर चीफ जस्टिस की अगुवाई में युगलपीठ उस पर सुनवाई कर रही है। वहीं यह याचिका उक्त कांड में मृतक नवजात के परिजन देवराम निवासी जिला धार ने हाई कोर्ट के पूर्व उप महाधिवक्ता, एडवोकेट अभिनव धनोड़कर के जरिए दायर की है। जिसमें याचिकाकर्ता ने अपनी चार दिन की बच्ची की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन और राज्य शासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते कहा है कि नवजात पहले से जन्मजात विकार से पीड़ित थी और एम. वाय. अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती थी। इसी दौरान चूहों ने उसके हाथ की उंगलियां कुतर दी, जिससे रक्त स्राव और संक्रमण के कारण उसकी मृत्यु हो गई। इस याचिका पर सुनवाई करते एकल पीठ ने संबंधित पक्षों, राज्य शासन सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।