भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान की हेकड़ी ठिकाने लगा दी।अब पाकिस्तान कोई गुस्ताखी करेगा तो भारत सीधा जवाब देगा।रक्षा मंत्री राजनाथ सिहं ने लखनऊ के कार्यक्रम के दौरान कहा कि पाक की एक एक इंच जमीन हमारे पहुंच में है। पाकिस्तान हर बार की तरह इस बार भी बौखलाहट में आ गया और हर बार की तरह इस बार भी परमाणु हमले की गीदड़ धमकी दे डाली।पाकिस्तान हमेशा से देता रहा है।यह उसके द्वारा छोड़े गए स्नायु युद्ध का हिस्सा है।पठानकोट, उड़ी और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई कदम उठाए।तनाव के माहौल में संयमित रहकर भारत ने स्नायु युद्ध की पाकिस्तान की पैतरेबाजी को कई बार अनदेखा कर दिया,जिससे उसके हौसले बुलंद हुए और उसने पहलगांव में नरसंहार किया।पहलगाम का जवाब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से दिया।अब राजनाथसिह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी तो उसने फिर परमाणु हमले की धमकी दी है।पाकिस्तान के पास परमाणु बम है भी या डिब्बे भर रखे है?क्योंकि जिस तरह से पाकिस्तान की माली हालत को देखते हुए यह अंदाजा लगाना आसान है कि उसके पास न्यूक्लियर एटमी ताकत कैसे हो सकती है।लेकिन पाकिस्तान के झाल में भारत अब कभी नही फंसेगा।भारत पाकिस्तान को अपने तरिके से जवाब देता रहा है।पाकिस्तान कमजोर होती ताकत के कारण वह परमाणु की गीदड़ धमकी देता है।भारत भी न्यूक्लियर एटमी ताकत है,लेकिन भारत ने तो कभी नही कहा कि हम पाकिस्तान पर परमाणु बम गिरा देंगे।जो डरपोक होते है,वही ऐसी बातें करते है।उड़ी में हमले के बाद पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने के लिए तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अंतराष्ट्रीय मंच की सक्रियता रंग लाने लगी थी,लेकिन अमेरिका ने बात को ठंडे बस्ते में डाल दी थी।भारत अब अंतरिक्ष की ताकत बन चुका है।2016 में 4 मिसाइलों का परीक्षण किया था, तब से भारत की नींव ताकतवर हो गई थी।भारत ने परमाणु हथियारों को ले जाने वाली मिसाइलों को बंगाल की खाड़ी में अरिहंत पनडुब्बी से लांच कर सफल परीक्षण किया था।देश मे विकसित किये गए के-4 की रेंज 3,500 किलोमीटर की क्षमता है और दो हजार किलोमीटर गोला बारूद अपने साथ ले जाने में सक्षम ऐसी मिसाइल भारत ने विकसित की है।भारत कई वर्षों पूर्व अमेरिका, रूस,फ्रांस और चीन में शामिल हो गया है।मिसाइल की लॉन्चिंग की कामयाबी के बाद अब भारत ब्रह्मोस की सफलता और पाकिस्तान पर देशी बनावट की मिसाइलों से अटैक कर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में जिस तरह से चार चांद लगा दिए है,वैसे ही भारत का उत्पादन दिन दूना और चार गुना बढ़ रहा है।बैलेस्टिक मिसाइलों को पानी के भीतर 20 फुट नीचे से भी दागा जा सकता है।डीआरडीओ मिसाइलों को विकसित करने के कार्य मे तेज गति को अंजाम देने के लिए तत्पर है।एयरफोर्स को मिसाइलें उपलब्ध करा कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।हमारी थल,जल और नभ तीनो सेना ब्रह्ममोस का उपयोग करती है।भारत के पास 15 सौ से ज्यादा ब्रमोस्त्र का भंडार हो सकता है। ब्रह्मोस कॉर्प अगले 10 वर्षों में लगभग 2000 ब्रह्मोस मिसाइलें बनाने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, ब्रह्मोस-2 के नामक हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास पर भी काम चल रहा है। भारतीय मिसाइल ने कैसे अपनी विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य प्रहार किया था। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की जो नई फैक्ट्री लगाई गई है, उसकी पहली खेप के फ्लैग ऑफ समारोह में बोलते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की स्ट्रैटजी में आए बदलाव की घोषणा की थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि चाहे फिलीपींस को ब्रह्मोस का निर्यात हो या भविष्य में अन्य देशों के साथ सहयोग, भारत अब सिर्फ हथियार खरीदने वाला नहीं, बल्कि हथियार देने वाला देश बन गया है। उन्होंने ब्रह्मोस सौदे को भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में आत्मविश्वास से भरा चाल बताया था। भारत फ़ौज के जखीरे में परमाणु सक्षम मिसाइलें है।अरिहंत मिसाइल को पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा रेंज की एंटर बैलेस्टिक मिसाइल से लैस करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।इंटरसेप्टर मिसाइल हमले के बीच में ही नाकाम करने में सक्षम है।सरकार परमाणु ईंधन का इस्तेमाल बिजली बनाने की परियोजनाओं में कर रही है।भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमता से अमेरिका जैसे देश हताश और निराश है ।डोनाल्ड ट्रम्प को भारत की बढ़ती ताकत से ही नाराजगी है।न्यूक्लियर वारहेड से ज्यादा मिसाइलों की तत्त्वरित कार्यवाही में सक्षम है।भारतीय वायुसेना को न्यूक्लियर वारहेड से लैस किया जा चुका है।भारत की क्षमता पाकिस्तान से चार गुनी है।भारत ऐसी धमकी से कभी डरा है और न कभी डरेगा।क्योकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस तरह की कई बार धमकी दे चुके है।स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार न्यूक्लियर की धमकी दे चुके है।भारत के अग्नि दो और अग्नि तीन की क्षमता पांच हजार किलोमीटर रेंज की है।अग्नि पांच सीरीज के मिसाइलों की क्षमता आठ हजार किलोमीटर की है।नौसैनिक मोर्चे पर भारत के आईएनएस अरिहंत 35 सौ किमी रेंज से विकसित किये गए है।अमेरिका की तुलना के लायक मिसाइलों का उत्पादन तेजी से हो रहा है।वैश्विक स्तर पर भारत ने फर्स्ट यूज की नीति अख्तियार की गई है,उससे न पाकिस्तान और न ही अमेरिका खुश है।भारत की परमाणु ताकत बढ़ रही है।पाकिस्तान अपनी उपलब्धियों का इस्तेमाल राजनयिक रूप से दबाव में रखने के लिए कर रहे है।अमेरिका, चीन फ्रांस और इंग्लैंड रेफरी की भूमिका मे दिखाई दे रहे है।राजनाथसिंह ने स्पष्ट कहा है कि हमे विदेशो पर निर्भर नही रहना चाहिए।क्योंकि भारत को हर तरह की तकनीक विकसित करनी होगी।यही असली आत्मनिर्भरता है। (L 103 जलवंत टाऊनशिप पूणा बॉम्बे मार्केट रोड नियर नन्दालय हवेली सूरत मो 99749 49324 वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार स्तम्भकार) ईएमएस / 21 अक्टूबर 25