नारायणपुर (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर जिले की सरहद पर बसे अबूझमाड़ के गांव में फूड पॉइजनिंग होने से 5 ग्रामीणों की मौत हो गई। जबकि 25 से ज्यादा ग्रामीण बीमार हैं। सभी ग्रामीण डूंगा गांव में तेरहवीं में गए थे, जहां खाने खाने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और 1 हफ्ते के अंदर ही 5 लोगों, जिसमें 2 महीने की बच्ची बेबी, बुधरी (25), बुधराम (24), लख्खे (45) और उर्मिला (25) की मौत हो गई। विदित हो कि पहुंच विहीन दुर्गम इलाके में बसे डूंगा गांव के घोट पारा में 14 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर के बीच हुई घटना में ग्रामीणों की मौत और बीमार होने की सूचना मिलने पर गुरूवार देर शाम नारायणपुर और बीजापुर जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर शिविर लगाकर उपचार शुरू किया, लेकिन इससे पहले ही 5 लोगों की मौत हो चुकी थी। मिली जानकारी के अनुसार पूरा मामला नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक के डूंगा गांव के घोट पारा का है। 14 अक्टूबर को इस गांव में एक ग्रामीण के घर तेरहवीं का कार्यक्रम था, जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ था। यहां खाना खाने के बाद अचानक ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ने लगी थी। ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। गांव वाले गांव में ही सिरहा गुनिया से इलाज करवा रहे थे, जिसके बाद 14 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर के बीच 2 महीने की बच्ची बेबी, बुधरी (25), बुधराम (24), लख्खे (45) और उर्मिला (25) की मौत हो गई। साथ ही करीब 25 ग्रामीण बीमार हो गए। इनमें से 20 से ज्यादा ग्रामीण फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए थे। वहीं जैसे ही ग्रामीणों की मौत और बीमार होने की खबर मिली तो यहां स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। यह गांव नारायणपुर और बीजापुर जिले के सीमा पर है, इसलिए दोनों जिलों नारायणपुर और बीजापुर जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। नारायणपुर सीएमएचओ डॉ. टीआर कंवर के अनुसार दूषित खाना खाने से ग्रामीणों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का मेडिकल चेकअप किया गया, जिसमें 20 ग्रामीण उल्टी-दस्त से ग्रसित मिले। 2 ग्रामीणों को मलेरिया की शिकायत थी, जबकि अन्य 3 ग्रामीण किसी दूसरी बीमारी से जूझ रहे थे। इनमें से 1 महिला को भैरमगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया है। नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाई ने 5 लोगों मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि स्वास्थ्य अमला घटनास्थल पर उपचार कर रहा है। प्रारंभिक जांच में फूड पाइजनिंग को संभावित कारण बताया जा रहा है। भोजन के सैंपल फूड लैब में परीक्षण को भेजा गया है, ताकि वास्तविक कारण का पता लगाया जा सके। प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर बीमार लोगों का इलाज कर रही हैं। सुधीर जैन /चंद्राकर/24 अक्टूबर 2025