कांकेर(ईएमएस)। जिले के बड़गांव स्थित बालिका छात्रावास में पढ़ाई कर रहीं छात्राएं पिछले दो साल से लो-वोल्टेज और बिजली कटौती की मार झेल रही हैं। मई-जून 2023 में ट्रांसफार्मर लगाने के लिए विद्युत विभाग ने टेंडर जारी किया था, जिसका ठेका पखांजूर के ठेकेदार रवि बाला को मिला। लेकिन हैरानी की बात यह है कि दो साल बीत गए, ट्रांसफार्मर आज तक नहीं लगा! बालिका छात्रावास गांव से बाहर, सरहद पर स्थित है। यहां फिलहाल छिंदपाल गांव से अस्थायी कनेक्शन से बिजली दी जा रही है। कमजोर सप्लाई के चलते छात्रावास में कभी पानी का मोटर बंद, कभी लाइट-पंखे ठप — ऐसी स्थिति रोज की हो चुकी है। बावजूद इसके, छात्राएं मुश्किल हालात में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक, ट्रांसफार्मर की स्वीकृति और टेंडर दोनों पूरे हो चुके हैं, लेकिन काम एक इंच भी आगे नहीं बढ़ा। ठेकेदार रवि बाला ने वर्क ऑर्डर मिलने के बाद केवल कुछ बिजली के खंभे गिराए और छोड़ दिए। वे खंभे अब महीनों से जंग खा रहे हैं, जबकि ट्रांसफार्मर लगाने का काम अब तक अधूरा पड़ा है। विभाग की उदासीनता और ठेकेदार की लापरवाही ने छात्राओं को अंधेरे में धकेल दिया है। सीएसईबी पखांजूर के एई विनय ठाकुर ने बताया कि, ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। पोल गिरा दिए गए हैं, जल्द काम शुरू कराया जाएगा। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विभागीय “जल्द” अब दो साल से लंबित है। सवाल यह है कि बालिका छात्रावास जैसी संवेदनशील सुविधा में बिजली व्यवस्था को लेकर इतनी लापरवाही क्यों? ईएमएस(राकेश गुप्ता)27 अक्टूबर 2025