मेक्सिको सिटी (ईएमएस)। वैज्ञानिकों को मेक्सिको की एक गुफा से 1300 साल पुराना इंसानी मल मिला है, जिसके विश्लेषण ने यह साबित कर दिया कि प्राचीन काल में भी इंसान गंभीर संक्रमणों से जूझते थे। यह स्थान लोमा सान गैब्रिएल संस्कृति का हिस्सा था, जो अपनी छोटी खेती, विशेष मिट्टी के बर्तनों और बाल बलि जैसी प्रथाओं के लिए जानी जाती थी। यह खोज मैक्सिको के “केव ऑफ द डेड चिल्ड्रन” नामक गुफा में हुई, जहां वैज्ञानिकों ने 1950 के दशक में खुदाई के दौरान मानव और पशुओं की हड्डियां, पौधों के अवशेष और सूखे मल के नमूने पाए थे। अमेरिकी वैज्ञानिक ड्रू कैपोन और उनकी टीम ने इस गुफा से मिले दस सूखे मल के नमूनों पर डीएनए विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि ये नमूने सन् 725 से 920 ईस्वी के बीच के हैं। टीम ने पाया कि प्रत्येक नमूने में कम से कम एक प्रकार का संक्रमण या आंतों में रहने वाले सूक्ष्म जीव मौजूद थे। इनमें सबसे सामान्य संक्रमण ब्लास्टोसायटीस नामक परजीवी और ई.कोली बैक्टीरिया की विभिन्न प्रजातियां थीं। विशेष रूप से, ई.कोली के निशान लगभग 70 प्रतिशत नमूनों में पाए गए। यह वही बैक्टीरिया है जो आज भी दूषित पानी या भोजन से शरीर में प्रवेश कर पेट में संक्रमण फैलाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्रमाण इस बात की ओर इशारा करता है कि हजारों साल पहले भी इंसान गंदे पानी और अस्वच्छ वातावरण से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे थे। इससे यह भी संकेत मिलता है कि मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी निरंतर बनी रहीं। इस खोज ने वैज्ञानिकों को मानव स्वास्थ्य के इतिहास और आंतों के सूक्ष्म जीव समुदाय के विकास को बेहतर ढंग से समझने का अवसर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के अध्ययन से यह पता लगाया जा सकेगा कि प्राचीन काल में इंसानों की जीवनशैली, खान-पान और पर्यावरण ने उनके स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित किया। सुदामा/ईएमएस 02 नवंबर 2025