लेख
05-Nov-2025
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जयपुर और तेलंगाना के रंगा रेडडी जिले में कुल 38 लोगो की मौत से गांवो में सन्नाटा छा गया।जयपुर में सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया।जयपुर में डंपर और तेलंगाना में ट्रक की बस से टक्कर इतनी भीषण हुई कि देखते देखते सड़क पर 300 मीटर तक लाशें और चींख पुकार से इस घटना को देखने वाले स्तब्ध रह गए।ट्रेलर के नीचे फंसे शवो को बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला गया।डंपर का चालक नशे में था या कोई अन्य कारण की वजह से दुर्घटना हुई है ।यह जांच का विषय है।देश मे आये दिन सैकड़ो दुर्घटनाए होती है।हररोज सड़को पर वाहनचालक हादसे के शिकार होते है।लेकिन ये हादसे कुछ ही दिनों में भुला दिए जाते है।दुःख, दर्द, पीड़ा उस परिवार को होती है,जिसके घर मे मातम छाया हुआ है।सड़क पर लापरवाही और ओवरटेकिंग के कारण हाइवे पर घटनाएं बढ़ती जा रही है।तेज गति हादसे का कमजोर पहलू है।हररोज सड़को पर दुर्घताग्रस्त लोगो को देखने वाले ऐसी घटनाओं को भुला दिया जाता है। हाइवे पर रोग साइट वाहन तेजगति से दौड़ाते हुए अक्सर दुर्घटना होती है।लेकिन हम जल्दी पहुंचने या सड़क पार करने में समय ज्यादा व्यतीत होने के कारण भीषण हादसे का शिकार हो जाते है।यह एक पागलपन है।प्रत्येक वाहनधारकों को आरटीओ के नियम का पालन करना चाहिए।फोरलेन और सिक्सलेन सड़को में सौ और 120 की रफ्तार से वाहन चालक वाहन चलाते है।इस गति को अचानक कंट्रोल करना मुश्किल होता है।इसकी वजह से वाहनचालक स्टेयरिंग पर नियन्त्रण खो देता है।हाइवे पर चलने वाला जल्दी में होता है।लेकिन अपने परिवार को साथ लेकर वाहन चलाने वालेअपनी लापरवाही की वजह से दुर्घताग्रस्त होते है।और परिवार के निर्दोष लोगों दुर्घटना में मारे जाते है।यही कारण है कि पूरे परिवार की हादसे में मौत हो जाती है।हम देख रहे है कि दुर्घताग्रस्त लोगो के परिवार को कंधा देने वाले कोई नही बचता है।क्या जीवन से ज्यादा कीमती जल्दी पहुँचना है? सड़को पर आए दिन लाशें बिछी हुई हम देखते है।हाइवे पर आमने सामने टक्कर के कारण घटना बढ़ रही है।वाहन अनियंत्रित होकर दूसरे वाहनों को टक्कर मारने जैसी घटना सामान्य है।ग्रामीण औऱ शहरों की सड़कों में दुपहिया वाहन को टक्कर मारने से वाहन चालक की मौते हो रही है।भारत में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर घंटे लगभग 55 सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं जिनमें 20 लोगों की जान जाती है। भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.7 लाख से अधिक लोग मरते हैं। साल 2023 में, लगभग 1,72,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई, जिसका मतलब है कि औसतन हर दिन 474 लोगों और हर घंटे लगभग 20 लोगों की जान गई। भारत में हर दिन लगभग 26,400 से 35,000 लोगों की मृत्यु होती है, जो विभिन्न स्रोतों के अनुमानों पर आधारित है। यह अनुमान विश्व बैंक के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें भारत की मृत्यु दर प्रति 1,000 लोगों पर 7.30 है। इस संख्या में विभिन्न कारणों से होने वाली मृत्यु शामिल है।दुनिया मे प्रतिवर्ष1.19 मिलिनीयम लोग कार दुर्घटना में मरते है। भारतीय सड़कें आतंकवादियों से बड़ी कातिल हैं। यहां हर घंटे 55 सड़क दुर्घटना होती है और 20 लोग मर जाते हैं। मतलब हर मिनट एक सड़क दुर्घटना और हर 3 मिनट में एक नागरिक की मौत हो रही है।सड़क दुर्घटनाएँ अब खासकर युवाओं में मौत का सबसे बड़ा कारण बन गई हैं। दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज़्यादा ख़तरा होता है, और यातायात नियमों का उल्लंघन इसमें अहम भूमिका निभाता है। सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण लापरवाही से वाहन चलाना, तेज़ गति, नशे में ड्राइविंग, और वाहन चलाते समय ध्यान भटकना हैं। इसके अलावा, सड़क की खराब स्थिति, खराब मौसम, और वाहन या पैदल यात्री की अपनी गलतियाँ भी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं।देश मे सड़क दुर्घटना में चालक को पुलिस स्टेशन से जमानत मिल जाती है।अंग्रेजी हुकूमत में बनाये गए आरटीओ कानून को अब एनडीए के शासन में सख्त करने की जरूरत है।आज दिन तक किसी वाहन चालक को सजा नही हई है।यह घटिया कानून देश के लिए घातक है।वाहन चालक को दस या15 वर्ष की सजा का प्राविधान कानून में किया जाता है तो देश मे सड़क हादसे भी कम हो जाएंगे।वाहन चालकों को कानून का ख़ौफ़ नही है।जयपुर औऱ तेलंगाना की घटनाओं में शवो की राख ठंडी नही होगी,उसके पहले चालक को जमानत मिल जाएगी।क्या ऐसी घटनाओं में अरबो रुपये पानी की तरह बहाकर हाइवे और नेशनल हाइवे बनाने वाले वाहन परिवहन निगम सख्त कानून नही बना सकती ?यह देश का दुर्भाग्य है।अंग्रेजी और कांग्रेस के समय के बनाये गए कानूनों को बदला जाना चाहिए।देश मे सख्त कानून नही होने के कारण अपराधी बेख़ौफ़ है। तेज़ गति से वाहन चलाना, खतरनाक तरीके से ओवरटेक करना, और यातायात नियमों का उल्लंघन करना गलत है।नशे में ड्राइविंग शराब या अन्य नशीले पदार्थों के प्रभाव में गाड़ी चलाना अपराध घोषित किया जाना चाहिए।गाड़ी चलाते समय मोबाइल फ़ोन का उपयोग करना, रेडियो सुनना या अन्य यात्रियों से बात करना जघन्य अपराध माना जाना चाहिए। ड्राइविंग कौशल की कमी या अनुभवहीनता की वजह से दुर्घटना होती है। सड़क के गलत स्थानों से सड़क पार करना या लापरवाही से चलना भी दुर्घटना की सम्भावना रहती है।हर एक व्यक्ति को दुपहिया वाहनों में हेलमेट लगाकर चलने की आदत डालनी चाहिए। गड्ढे, क्षतिग्रस्त सड़कें, या खतरनाक मोड़ के कारण भी दुर्घटना होती है।हर एक वाहन चालकों को सावधानी रखनी होगी,तभी दुर्घनाओं से बचा जा सकते है। ईएमएस / 05 नवम्बर 25