भोपाल(ईएमएस)। राजधानी भोपाल के टीला जमालपुरा थाना इलाके में साल 2022 में अपने साढ़ू की हत्या करने वाले आरोपी सहित उसके दो साथियो को अदालत ने सुनवाई के बाद साक्ष्यो के आभाव में बरी कर दिया। आरोपी ने अपनी पत्नि को परेशान करने के चलते साढ़ू की हत्या की थी। मामले में सुनवाई के दौरान पुलिस जॉच में लापरवाही सामने आई और साक्ष्यो के आभाव में आरोपी बरी हो गए। * यह था मामला जानकारी के अनुसार 17 मई को 2022 को थाना इलाके में सिंधी कालोनी से बैरसिया बस स्टैंड तरफ पैदल आ रहे एक युवक पर अज्ञात बदमाश ने धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर उसे घायल कर दिया था। उसे अस्पताल पहुचांया गया जहॉ डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस जॉच में मृतक की पहचान वसीम के रूप में हुई थी। वह एक होटल में मैनेजर था। अज्ञात आरोपितों के खिलाफ हत्या का मामला कामय मर पुलिस ने आरोपियेा की पहचान जुटाने के साथ ही उनकी तलाश शुरू की। घटनास्थल सहित आसपास के क्षेत्र में लगे 125 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालते हुए आरोपियो की पहचान जुटाई गई। इसके बाद पुलिस टीमों ने नवाब कालोनी निशातपुरा निवासी 23 वर्षीय नफीस पिता बब्लू शाह, बांसखेड़ा तहसील जिला रायसेन निवासी सिराज पिता शहजाद (29) और अटल अयूब नगर करोंद निवासी अरबाज पिता इकबाल खान को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से वारदात में उपयोग की गई बाइक और धारदार हथियार बरामद किया था सभी आरोपित बाहरी राज्यों में ड्राइवरी का काम करते हैं। * पुलिस पूछताछ में सामने आया की मृतक वसीम की साली की शादी आरोपी नफीस से हुई थी। वसीम शादी के बाद साली को परेशान करता था। यह बात नफीस को उसकी पत्नी ने बताई थी। इससे गुस्सा होकर नफीस ने अपने साथी शेहराज और अरबाज के साथ मिलकर वसीम की हत्या करने की योजना बनाई। योजना के अनुसार नफीस ने 17 मई की रात को बैरसिया बस स्टैंड के पास वसीम पर धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद बाइक को सिराज के घर में छुपा दिया था। * पुलिस जॉच में बरती गई लापरवाही, सभी आरोपी बरी मामले में आरोपी नफीस शाह, सिराज खान और अरबाज खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कोर्ट में चालान पेश करने के बाद शुरु हुई सुनवाई में सामने आाय की हत्या एक छुरी से की गई थी, लेकिन, पुलिस ने कोर्ट के मालखाने में दो छुरियों को एक ही क्राइम नंबर के साथ जब्त कर रखवा दिया था। कोर्ट ने दूसरी छुरी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा, तो पुलिस कोई जवाब नहीं दे पाई। इसके अलावा छुरी पर लगे खून का मृतक के खून के साथ डीएनए टेस्ट ही नहीं कराया था। इसके साथ ही घटना के समय आरोपी द्वारा पहनी हुई शर्ट को पुलिस ने जब्त किया था, लेकिन शर्ट को जांच के लिए एफएसएल लैब नहीं भेजा था। आरोपी के पास से पुलिस ने चप्पल भी जब्त की थी, लेकिन चप्पल के संबंध में भी कोई जांच नहीं कराई गई। सुनवाई पूरी होने के बाद पुलिस की लापरवाही और साक्ष्यों के आभाव में अदालत ने आरोपियो को बरी कर दिया। जुनेद / 09 नवंबर