रायपुर(ईएमएस)। लंबे समय से फरार चल रहे कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी तोमर को पुलिस ने आखिरकार मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया। रायपुर पुलिस की टीम आरोपी को शनिवार रात रायपुर लेकर पहुंची। गिरफ्तारी के बाद उसकी पहली तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह पुलिस कस्टडी में बनियान और लोअर में नजर आ रहा है। पुलिस अब उसे कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार, तोमर ब्रदर्स के खिलाफ केवल जून महीने में ही 30 दिनों के भीतर वसूली, ब्लैकमेलिंग, मारपीट और सूदखोरी के कुल सात मामले दर्ज हुए थे। जिनमें एक केस तेलीबांधा थाने और छह पुरानी बस्ती थाने में दर्ज हैं। इन मामलों में पुलिस को लंबे समय से उनकी तलाश थी, लेकिन दोनों गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलते रहे। पुलिस जांच में पता चला कि एफआईआर दर्ज होने के बाद दोनों आरोपी रायपुर से फरार होकर पहले उत्तर प्रदेश, फिर दिल्ली, राजस्थान होते हुए अंततः मध्यप्रदेश पहुंच गए। यहां वीरेंद्र तोमर ने कुछ स्थानीय नेताओं से भी मदद मांगी और ग्वालियर में एक किराए के मकान में छिपा हुआ था, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया। तोमर ब्रदर्स का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है। 2006: आजाद चौक थाने में कारोबारी पर चाकू से हमला। 2010: गुढ़ियारी में व्यापारी से पैसों के विवाद में मारपीट। 2013: हत्या का केस दर्ज। 2015-2019: सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, मारपीट, महिलाओं को धमकाने और अप्राकृतिक कृत्य जैसे कई गंभीर मामले दर्ज। गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वीरेंद्र और रोहित तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जबकि उनकी पत्नियों और भतीजे को राहत मिली थी। फिलहाल रायपुर पुलिस ने वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि कर दी है, वहीं उसका भाई रोहित तोमर अब भी फरार है। पुलिस उसकी संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है और जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जता रही है।