विधायक मुंजारे ने कहा सच्चाई की हुई जीत बालाघाट (ईएमएस). बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे और डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के बीच हुए विवाद का पटाक्षेप हो गया है। जांच अधिकारियों की रिपोर्ट पर शासन ने विधायक को क्लीन चीट दे दी है। क्लीन चीट मिलने के बाद सोमवार को विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि यह सच्चाई की जीत है। इस मामले में डीएफओ नेहा श्रीवास्तव पर मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधायक मुंजारे ने कहा कि पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग सदस्य मौसम बिसेन और भाजपा जिला अध्यक्ष रामकिशोर कावरे ने उनकी राजनीतिक छवि को धुमिल करने के लिए घिनौनी साजिश रची थी। डीएफओ नेहा श्रीवास्तव को आगे कर उन्हें बदनाम करने का कार्य इन नेताओं के ईशारे पर किया गया है। डीएफओ ने दो-तीन पेटी पैसे मांगने का आरोप लगाकर शिकायत की थी। शासन ने इस मामले में दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कराकर प्रकरण की जांच कराई थी। जांच में वास्तविकता सामने आ गई। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दुर्भावनावश उनके पर्सनल असिस्टेंट को भी हटा दिया गया है, जिसकी शिकायत उन्होंने विधानसभा स्तर पर कर दी है। उल्लेखनीय है कि डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने 18 अगस्त को पीसीसीएफ भोपाल को पत्र लिखकर विधायक अनुभा मुंजारे पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि 16 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद उन्हें बालाघाट स्थित फॉरेस्ट रेस्ट हाउस बुलाया गया। शिकायत पत्र में उल्लेख है कि वहां विधायक ने निजी स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में 2-3 पेटी अवैध पैसों की मांग की। पैसे न देने पर विधायक ने कथित तौर पर न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार को भी अपमानजनक और असंयमित भाषा का शिकार बनाया। डीएफओ की शिकायत के बाद प्रदेश सरकार ने दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी में आईएफएस अधिकारी व अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कमोलिका मोहन्ता और वन संरक्षक बैतुल वासु कनोजिया को शामिल किया गया था। जिन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को पेश कर दी है।