राष्ट्रीय
15-Nov-2025
...


नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत की डेटा सेंटर कैपेसिटी 2025 के पहले 9 महीनों में पहली बार 1.5 गीगावाट के आंकड़े को पार कर गई है। यह जानकारी बुधवार को आई रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया हैं कि इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक की अवधि में 260 मेगावाट की सप्लाई बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा, तेजी से होते डिजिटलीकरण, अनुकूल सरकारी नियमों और एआई में बढ़ते कॉर्पोरेट निवेश की वजह से भारत के डेटा सेंटर की कैपेसिटी को लेकर यह वृद्धि देखी जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई इस वर्ष सितंबर के अंत तक 1,530 मेगावाट की क्षमता के साथ देश की कुल डेटा सेंटर कैपेसिटी में 53 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा। मुंबई की ओर से यह हिस्सेदारी दुनिया भर में सबमरीन केबल्स के लिए महत्वपूर्ण एंट्री लोकेशन की वजह से दर्ज की गई है। वहीं मुंबई के बाद 20 प्रतिशत शेयर के साथ चेन्नई, 10 प्रतिशत शेयर के साथ दिल्ली-एनसीआर और 7 प्रतिशत शेयर के साथ बेंगलुरू का स्थान रहा। इन चारों शहरों ने मिलकर देश की कुल डीसी कैपेसिटी में 90 प्रतिशत का योगदान दिया। जानकार ने कहा, भारत के डेटा सेंटर कैपेसिटी में बीते चार से पांच वर्षों में तीव्र वृद्धि दर्ज की जा रही है, जो कि भारत के तेजी से होते डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को दिखाता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते इंटरनेट पेनिट्रेशन, क्लाउड अडॉप्शन और एआई एंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उभरने से डिजिटलीकरण तेजी से हो रहा है, जिसके साथ मजबूत डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत महसूस की जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विश्व भर में सबसे अधिक लागत-प्रतिस्पर्धी डीसी एनवायरमेंट पेश करता है, जिसे लोअर कंस्ट्रक्शन और इलेक्ट्रिसिटी लागत का समर्थन मिलता है। जो कि दूसरे मार्केट जैसे सिंगापुर, चीन और जापान की तुलना में सस्ता है। आशीष/ईएमएस 15 नवंबर 2025