राष्ट्रीय
16-Nov-2025
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-चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया अपना जवाब नई दिल्ली,(ईएमएस)। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि आधार कार्ड को सिर्फ पहचान के लिए इस्तेमाल करने के निर्देश पहले ही दे दिए हैं। ये निर्देश नागरिकता साबित करने के लिए नहीं हैं। खास तौर पर बिहार के वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए ये बात कही गई। आयोग ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। इसमें कहा गया कि 8 सितंबर को कोर्ट ने खुद स्पष्ट कर दिया था कि आधार का इस्तेमाल कैसे होगा। कोर्ट के मुताबिक आधार सिर्फ पहचान साबित करने के लिए है। इस आदेश के बाद आयोग ने 9 सितंबर 2025 को बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश भेजे। इसमें साफ कहा गया था कि आधार कार्ड पहचान का सबूत है, नागरिकता का नहीं। बिहार की संशोधित वोटर लिस्ट में नाम डालने या निकालने के लिए यही नियम लागू होगा। ये जवाब वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की अर्जी पर आया। उन्होंने मांग की थी कि आधार को सिर्फ पहचान और सत्यापन के लिए इस्तेमाल किया जाए। उनकी अर्जी एक पुरानी याचिका में दाखिल की गई थी। उसमें पूरे देश में वोटर लिस्ट की विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) की मांग है। आयोग ने बताया कि यूआईडीएआई ने अगस्त 2023 में एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया था। इसमें साफ कहा था कि आधार नागरिकता, निवास या जन्म तिथि का सबूत नहीं है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी एक मामले में इसी मेमो का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि जन्म तिथि साबित करने की जिम्मेदारी आधार धारक पर है। कोर्ट ने 8 सितंबर 2025 के अपने आदेश का जिक्र किया। इसमें आधार के इस्तेमाल को लेकर सबकुछ स्पष्ट है। 7 अक्टूबर को कोर्ट ने उपाध्याय की अर्जी पर नोटिस जारी किया था। बेंच ने कहा कि आधार नागरिकता या निवास का सबूत नहीं है। ये बात पहले ही कही जा चुकी है। सिराज/ईएमएस 16नवंबर25