नई दिल्ली,(ईएमएस)। हजारों भारतीयों की तरह अगर आप भी कनाडा में बसाना चाहते हैं, तब कई छोटी-छोटी चीजें हैं, आपक सहयोग कर सकती है। दरअसल, कनाडा का एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम उम्मीदवारों का चयन कॉम्प्रिहेंसिव रैंकिंग सिस्टम (सीआरएस) के आधार पर करता है। यह सिस्टम हर उम्मीदवार को एक स्कोर देता है, जो बताता है कि कौन स्थायी निवास पाने के लिए कितना योग्य है। इसके लिए कनाडा में इमिग्रेशन कंसलटेंसी फर्म चलाने वाले जानकार से बता की। जानकार का कहना है, आमतौर पर अगर कोई कपल भारत में है और कनाडा आने का इरादा कर रहा है, तब इस केस में हम पति और पत्नी, दोनों का अलग-अलग सीआरएस स्कोर चेक करते हैं। अगर दोनों उच्च शिक्षा हासिल किए हुए हैं और अच्छी नौकरी करते हैं और आईईएलटीएस में भी दोनों के नंबर में ज्यादा फर्क नहीं है तब कम उम्र और बेहतर इंग्लिश वाले के नाम से एप्लीकेशन शुरू करने की सलाह देते हैं। उदाहरण के लिए लड़के का स्कोर 440 हो रहा है और लड़की का 470 हो रहा है, तब लड़की को वर्क परमिट दिलाकर कनाडा बुलाते हैं। अगर वहां कनाडा में एक साल अच्छी जॉब कर लेती है, तब 40 प्वाइंट बढ़कर इसका स्कोर 510 हो सकता है, जो पीआर हासिल करने के लिए काफी है। और 2 साल के अनुभव के साथ 520 से ज्यादा जा सकता है। वहीं यही काम लड़के के साथ किया जाता,तब जॉब के 40 नंबर जोड़ने पर भी वहां 480 स्कोर ही हासिल कर पाता, जो पीआर पाने के लिए इन दिनों नाकाफी हैं। हालांकि लड़की पीआर हासिल कर स्पाउसल स्पॉन्सरशिप के तहत अपने पति को पीआर दिलवा सकती है। खास फील्ड में जॉब से हो सकती है आसानी दूसरी स्थिति ये है कि लड़की एजुकेशन या हेल्थकेयर जैसे फील्ड से जुड़ी है या उसे फ्रेंच आती है। इस सभी चीजों की डिमांड कनाडा में ज्यादा है और पति के पास ये तीनों चीजें न हों तो इस स्थिति में लड़की आसानी से पीआर के लिए सीआरएस स्कोर हासिल कर सकती है। क्योंकि इन कैटेगरी का सीआरएस स्कोर कम रहता है और फ्रेंच के अतिरिक्त स्कोर मिलते हैं। इस स्थिति में पीआर एप्लीकेशन में लड़की को मुख्य आवेदक बनाया जाता है और दूसरे पार्टनर को अकम्पनीइंग के रूप में जोड़ा जाता है। फिर उसके स्पाउसल की योग्यता भी जोड़ी जाती है, जिससे उसके कुछ नंबर और बढ़ जाते हैं। तब अब दोनों को पीआर के लिए एक साथ आईटीए (आवेदने के निमंत्रण) मिलता है। हालांकि अगर लड़की भी ज्यादा कामयाब न हो और उसका पार्टनर उससे भी कम पढ़ा-लिखा, या कमजोर इंग्लिश वाला है, तब स्थिति इसके उलट भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बेहतर ये है कि पहले एक शख्स पीआर हासिल करे और फिर अपने पार्टनर को स्पाउसल स्पॉन्सरशिप के तहत बुलाए। उन्होंने बताया कि इस चीज का गलत इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। जिसकी वजह से कनाडा सरकार समय-समय पर कई बदलाव भी करती जा रही है। लोग पीआर के लिए बाकायदा कॉनट्रैक्ट मैरिज कर रहे हैं। लोग ऐसी लड़की ढूंढते हैं, जो उन्हें पीआर दिलवा सकती है, उससे कॉनट्रैक्ट करते हैं कि तुम जाकर पीआर लो, फिर स्पाउसल स्पॉन्सरशिप के तहत उस शख्स को पीआर दिलवाओ और फिर अलग हो जाओ। इसके लिए शख्स बड़ी कीमत अदा करता है। आशीष/ईएमएस 15 नवंबर 2025