राज्य
24-Nov-2025
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:: विद्याधाम में दो एकाकी जीवन का मिलन; बच्चों ने भी देखा पिता का विवाह, समाज ने सराहा अनुकरणीय पहल :: इंदौर (ईएमएस)। विमानतल मार्ग स्थित विद्याधाम पर सोमवार की शाम को पद्मवंशी राठौर समाज में एक आदर्श और अनुकरणीय विवाह का आयोजन हुआ, जिसने समाज में एक अनोखी मिसाल पेश की है। इस अद्वितीय प्रसंग के सूत्रधार थीं दुल्हन रचना के ससुर शिवलाल राठौर, जिन्होंने अपनी विधवा बहू को अपनी बेटी के रूप में बिदा कर उसका कन्यादान किया। इस भावुक क्षण में दूल्हे नरेन्द्र के दोनों बच्चे 7 वर्षीय प्रिंस और 14 वर्षीय क्रिंची भी उपस्थित रहे और अपने पिता के नए जीवन के साक्षी बने। दूल्हा नरेन्द्र (46) और दुल्हन रचना (42) दोनों पद्मवंशी मारवाड़ी समाज से हैं। दुल्हन रचना पिछले दो वर्षों से अपने पति के निधन (वर्ष 2023 में ब्रेन हेमरेज) के बाद एकाकी जीवन जी रही थीं। वहीं, दूल्हे नरेन्द्र की पत्नी का भी कैंसर के कारण निधन हो गया था, जिसके चलते वे अपनी दो संतानों की अकेले परवरिश कर रहे थे। विद्याधाम स्थित माँ त्रिपुर सुन्दरी की साक्षी में आचार्य पं. राजेश शर्मा ने दूल्हे नरेन्द्र और दुल्हन रचना को वरमाला पहनाकर और सिंदूर की रस्म अदा कर इस नए रिश्ते को स्वीकार कराया। सोमवार की शाम को जब दुल्हन के ससुर शिवलाल राठौर ने दोनों पक्षों के मेहमानों और समाज के लोगों के बीच रुंधे गले से अपनी बहू रचना को बेटी के रूप में कन्यादान किया, तो यह क्षण अत्यंत भावुक था। उन्होंने कहा, मैं रचना को बहू बनाकर लाया था और आज बेटी बनाकर बिदा कर रहा हूँ। मुझे इस निमित्त कन्यादान का भी सौभाग्य मिल रहा है। :: समाज ने सराहा :: इस अवसर पर पद्मवंशी राठौर समाज के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार राठौर, विद्याधाम के ट्रस्टी रमेश राठौर, राजेश राठौर सहित बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे। सभी ने इस विवाह को समाज के लिए अनुकरणीय और आदर्श मिसाल बताया। मेहमानों ने कहा कि इस पहल से न केवल दो परिवारों को भविष्य के जीवन का संबल मिला है, बल्कि दोनों पक्षों के बच्चों (प्रिंस और क्रिंची) को भी एक नया खुशहाल परिवार मिला है, जो विधवा-विधुर जैसी अभिशप्त जिंदगी से एक नया मार्ग प्रशस्त करता है। प्रकाश/24 नवम्बर 2025