क्षेत्रीय
11-Dec-2025


शहर में डिजीटल अरेस्ट का पहला मामला, पुलिस ने की सावधान रहने की अपील छिंदवाड़ा (ईएमएस)। शहर की विवेकानंद कॉलोनी में गुरूवार को डिजीटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। आधार कार्ड नंबर से फ्रॉड किए जाने का हवाला देकर साइबर ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर रिटायर्ड शासकीय कर्मचारी को डेढ़ घंटे तक डिजीटल हाउस अरेस्ट कर लिया। रिटायर्ड कर्मी को इस बात से डराया गया कि उनके आधार कार्ड से बड़ा फ्रॉड किया गया है। कॉल आने के बाद रिटायर्ड कर्मी डर गए और उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। करीब १ घंटे ३० मिनिट तक वे कमरे में बंद रहे। गलीमत रही कि पड़ोसियों की सक्रियता और समय पर पुलिस के पहुंच जाने से शहर में फ्रॉड की बड़ी घटना होने से टल गई। मिली जानकारी के अनुसार विवेकानंद कॉलोनी प्लॉट नं. ९० निवासी किशोर भास्करराव ढोक रेशम विभाग में कार्यरत थे २०१२ में वे मंडला से सेवा निवृत हुए और विवेकानंद कॉलोनी में बस गए। यहां वे अपनी पत्नि के साथ यहां अकेले रहते हैं जबकि उनका बेटा मुंबई के थाणे में सर्विस करता है और बेटी रायपुर में रहती है।११ दिसंबर की सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे उनके मोबाईल पर वीडियो कॉल आया, कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली के बारा खंबा रोड पुलिस स्टेशन का पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि आपके आधार कार्ड नंबर से फ्रॉड किया गया है। इसके बाद उन्हें कमरे में जाने के लिए कहा, करीब डेढ़ घंटे तक उक्त व्यक्ति ने उनसे पूरे परिवारी की जानकारी लेने का प्रयास किया। जब वे अपने कमरे से डेढ़ घंटे तक वापस नहीं आए तो उनकी पत्नि ने पड़ोसियों को इसकी सूचना दी, पड़ोसियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को खबर की। इधर मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हेंं डिजीटल अरेस्ट से मुक्त कराया। देर शाम पीडि़त किशोर भास्कर राव ढोक ने कोतवाली थाने में शिकायत कराई है, शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। कॉल में दिखाया फर्जी थाने का बैक राउंड गुरूवार सुबह जब सेवा निवृत कर्मी किशोर ढोक मंदिर से घर लौटे तो उनके मोबाइल पर वीडियो कॉल आया जिसमें थाने का बैक राउंड दिखाई दे रहा था। दरअसल ये थाना फर्जी था यहां बैठे व्यक्ति ने खुद को दिल्ली के बारा खंबा थाने का अधिकारी बताते हुए कहा कि उन पर एफआईआर हो सकती है, आपसे अकेले में बात करनी है कहकर उन्हें कमरे में जाने और दरवाजा बंद करने के लिए कहा और यहीं से वे हाउस अरेस्ट गए। किसी से न करें बात, खुद को गिरफ्तार समझें साइबर ठग ने बुजुर्ग से कमरे के भीतर डेढ़ घंटे तक बात की और उन्हें धमकी दी कि वे उनकी कस्टडी में है, वे किसी से बात न करें और फोन न काटें जबकि उनकी पत्नि बाहर से लगातार दरवाजा खटखटाती रही लेकिन वे डर की वजह से बाहर नहीं आए। टीआई को देख ठग ने बंद किया मोबाइल इधर जागरूक पड़ोसियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस बात की जानकारी कोतवाली पुलिस को दी। सूचना मिलते ही कोतवाली टीआई आशीष कुमार अपने दलबल के साथ पीडि़त किशोर ढोक के घर पहुंचे और जिस कमरे मेें वे बंद थे उस कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। काफी देर के बाद थोड़ा सा दरवाजा खुला तो टीआई भीतर पहुंचे तब भी श्री ढोक ठग से बात कर रहे थे, टीआई ने उनसे मोबाइल लेकर जैसे ही बात करने का प्रयास किया ठग ने उन्हें देखकर कॉल काट दिया। पुलिस और पड़ोसियों की सर्तकता के चलते एक बड़ी घटना होने से टल गई। धमकी से डरें नहीं, साइबर फ्रॉड से बचें साइबर ठगी के इस तरह के मामला सामने आने और उनके द्वारा धमकी देने से डरें नहीं बल्कि इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए साइबर हेल्प लाइन नंबर और पास के थाने को सूचना दें। एसपी अजय पांडे ने कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा फोन या वाट्सएप कॉल पर की जाने वाली पूछताछ और धमकियों पर यकिन न करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी से साझा न करें। ईएमएस/मोहने/ 11 दिसंबर 2025