बिलासपुर (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर को नववर्ष के अवसर पर प्राप्त हुई अत्याधुनिक ष्ट-्रह्म्द्व मशीन को आर्थोपेडिक विभाग में कार्यरत चिकित्सकों ने मरीजों के हित में एक मील का पत्थर बताया है। इस मशीन की उपलब्धता से अब सिम्स में हड्डी रोग एवं ट्रॉमा से संबंधित सर्जरी अधिक सटीक, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण ढंग से की जा सकेगी। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में डॉ. रमणेश मूर्ति के चिकित्सा अधीक्षक कार्यकाल के दौरान खरीदी गई ष्ट-्रह्म्द्व मशीन ने लगभग 7 वर्षों तक निरंतर सेवाएँ दीं, जिसके बाद उसकी तकनीकी क्षमता पूर्ण हो गई थी। इसके पश्चात पिछले 7 वर्षों से सिम्स में ष्ट-्रह्म्द्व मशीन की गंभीर कमी महसूस की जा रही थी। मशीन के अभाव में आर्थोपेडिक विभाग के अनेक मरीजों को हायर सेंटर रायपुर अथवा अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ता था। अब नई ष्ट-्रह्म्द्व मशीन की उपलब्धता से सिम्स में भर्ती मरीजों को यहीं पर आधुनिक एवं उन्नत उपचार उपलब्ध हो सकेगा और उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि पूर्व जिला कलेक्टर अवनीश कुमार एवं वर्तमान कलेक्टर संजय अग्रवाल के सहयोग तथा एनटीपीसी सीपत की सहभागिता से संभव हो सकी है। इसके साथ ही सिम्स अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह एवं आर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष डॉ. ए. आर. बेन के सतत प्रयासों से यह मशीन सिम्स को प्राप्त हुई है। नई ष्ट-्रह्म्द्व मशीन स्कैनरए (स्ष्ड्डठ्ठद्गह्म्ड्ड) कंपनी की है, जो आर्थोपेडिक सर्जरी में उच्च गुणवत्ता की इमेजिंग सुविधा प्रदान करती है। आर्थोपेडिक विभाग के चिकित्सकों की प्रतिक्रिया आर्थोपेडिक विभाग में कार्यरत डॉ. संजय गिले, डॉ. तरुण सिंह ठाकुर एवं डॉ. प्रमोद जायसवाल ने ष्ट-्रह्म्द्व मशीन को मरीजों के हित में अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि ष्ट-्रह्म्द्व मशीन की सहायता से फ्रैक्चर फिक्सेशन, इंटरलॉकिंग नेलिंग, प्लेटिंग एवं जटिल ट्रॉमा सर्जरी अब अत्यधिक सटीकता के साथ की जा सकेगी। इससे ऑपरेशन का समय कम होगा, जटिलताओं में कमी आएगी तथा मरीजों की रिकवरी तेजी से होगी। यह मशीन आर्थोपेडिक विभाग के लिए वास्तव में मील का पत्थर साबित होगी। एनटीपीसी के ष्टस्क्र मद से सिम्स को मिले आधुनिक उपकरण, भविष्य में भी सहयोग का आश्वासन इस वर्ष एनटीपीसी सीपत द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (ष्टस्क्र) मद के अंतर्गत सिम्स को कई अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें फुली ऑटोमैटिक केमिल्यूमिनेसेंस मशीन, पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, क्रङ्कत्र सेंसर युक्त डेंटल चेयर, मोच्र्युरी फ्रीजर, कलर डॉपलर अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन सहित अन्य बड़े एवं महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा यह भी आश्वस्त किया गया है कि भविष्य में भी सिम्स की आवश्यकताओं के अनुरूप इसी प्रकार का सहयोग निरंतर जारी रखा जाएगा, ताकि क्षेत्र की आम जनता को उन्नत, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सकें। इस सहयोग से सिम्स की चिकित्सा अधोसंरचना और क्षमताएँ और अधिक सशक्त होंगी। अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति का वक्तव्य डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा कि ष्ट-्रह्म्द्व मशीन आधुनिक चिकित्सा की एक अनिवार्य आवश्यकता है। इसकी उपलब्धता से सिम्स में उपचार की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा और मरीजों को बेहतर सुविधाएँ प्राप्त होंगी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह का वक्तव्य डॉ. लखन सिंह ने कहा कि इस मशीन के आने से ट्रॉमा एवं आर्थोपेडिक सेवाएँ और अधिक सुदृढ़ होंगी। अब मरीजों को हायर सेंटर रेफर करने की आवश्यकता न्यूनतम रह जाएगी। आर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष डॉ. ए. आर. बेन का वक्तव्य डॉ. ए. आर. बेन ने कहा कि नई ष्ट-्रह्म्द्व मशीन से सर्जरी की सटीकता बढ़ेगी और विभाग की कार्यक्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा। जिसका सीधा लाभ मरीजों को मिलेगा। नई ष्ट-्रह्म्द्व मशीन की स्थापना से सिम्स बिलासपुर आर्थोपेडिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर अग्रसर हुआ है और यह संस्थान क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं को नई मजबूती प्रदान करेगा। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 31 दिसंबर 2025