राज्य
31-Dec-2025
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:: पुनरावृत्ति रोकने के लिए इंदौर नगर निगम को मिलेंगे असीमित संसाधन; एसीएस संजय दुबे को इंदौर में ही कैंप करने के निर्देश :: :: मिशन मोड पर सुधार; जर्जर पाइपलाइन नेटवर्क का होगा रिप्लेसमेंट :: इंदौर (ईएमएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित जल से उत्पन्न संकट को शासन की अक्षम्य विफलता करार देते हुए प्रदेश के नौकरशाहों को स्पष्ट चेतावनी दी है। बुधवार को इंदौर में वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ आपातकालीन समीक्षा बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए इंदौर नगर निगम को असीमित संसाधन और अतिरिक्त अमला उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्थिति की प्रत्यक्ष निगरानी के लिए अपर मुख्य सचिव (नगरीय प्रशासन) संजय दुबे को तत्काल प्रभाव से इंदौर में ही कैंप करने का आदेश दिया है। डॉ. यादव ने दो-टूक कहा कि आम नागरिकों को शुद्ध पेयजल देना कोई उपकार नहीं, बल्कि सरकार का प्राथमिक दायित्व है। जो हुआ वह दुखद है और इसकी जवाबदेही हर हाल में तय होगी। उन्होने कहा कि घटना के मूल कारणों की विस्तृत तकनीकी जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर न केवल संबंधित अधिकारियों बल्कि जिम्मेदार एजेंसियों पर भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी जो भविष्य के लिए मिसाल बनेगी। :: संसाधनों की नहीं होगी कमी, सुधरेगा इंफ्रास्ट्रक्चर :: मुख्यमंत्री ने बैठक में इंदौर के पुराने जल नेटवर्क को लेकर कड़े निर्देश जारी किए: युद्धस्तर पर सुधार : क्षेत्र के उन 40% हिस्सों में जहाँ पुरानी लाइनों के कारण संदूषण (Contamination) की समस्या है, वहां तत्काल पाइपलाइन बदलने के निर्देश दिए गए हैं। रिसोर्स आवंटन : नगर निगम की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त तकनीकी स्टाफ और आधुनिक मशीनरी की कमी को 24 घंटे के भीतर पूरा करने के आदेश दिए गए। गुणवत्ता निगरानी : जलापूर्ति और सीवरेज सिस्टम के बीच किसी भी संभावित रिसाव को रोकने के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग प्रणाली विकसित की जाएगी। :: चिकित्सा प्रबंधन : 40 हजार की स्क्रीनिंग, स्थिति अब नियंत्रण में :: प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, भागीरथपुरा त्रासदी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अभूतपूर्व सक्रियता दिखाई है: - मेडिकल डेटा : बीते तीन दिनों में 40,000 से अधिक नागरिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। - उपचार की स्थिति : कुल 2,456 संदिग्ध मामले सामने आए, जिनमें से 212 गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया। वर्तमान में 162 मरीजों का उपचार जारी है और 50 को डिस्चार्ज किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने स्वयं अस्पतालों का दौरा कर मरीजों का हाल जाना और प्रशासनिक मुस्तैदी की सराहना की। दोषियों की पहचान के लिए तकनीकी जांच जारी है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही संबंधित अधिकारियों और एजेंसियों पर ऐसी कठोर कार्रवाई की जाएगी, जो पूरे प्रदेश के लिए नजीर बनेगी। > — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश :: जनप्रतिनिधियों की सक्रियता और समन्वय :: बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भविष्य की कार्ययोजना हेतु महत्वपूर्ण तकनीकी सुझाव साझा किए। मुख्यमंत्री ने प्रशासन के साथ-साथ निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों द्वारा दिखाई गई तत्परता की भी सराहना की, जिसके कारण स्थिति को समय रहते नियंत्रित किया जा सका। समीक्षा बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला, अपर मुख्य सचिव नीरज मण्डलोई, संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाडे़, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव और एमआईसी सदस्य अभिषेक शर्मा सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। प्रकाश/31 दिसम्बर 2025