जयपुर (ईएमएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री एवं अलवर सांसद भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में खैरथल-तिजारा रिको गेस्ट हाउस सभागार, भिवाड़ी में उद्योगपतियों एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में भिवाड़ी में जलभराव की समस्या के निस्तारण को लेकर व्यापक चर्चा हुई। इस दौरान श्री यादव ने उद्योगपतियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग करते हुए अपशिष्ट जल प्रबंधन एवं उपचार की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने पर बल दिया। इससे पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने केंद्र एवं राज्य स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक भी ली है जिसमें भिवाड़ी जलभराव समाधान के संबंध में व्यापक चर्चा की गई। यादव ने औद्योगिक क्षेत्रों में अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए सीईटीपी (सेंट्रल इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के उत्पादन के अनुरूप एफ्लूएंट जल की सघन मॉनिटरिंग की जाए और किसी भी परिस्थिति में उपचारित किए बिना अपशिष्ट जल को खुली नालियों में नहीं छोड़ा जाए। उन्होंने उद्योगपतियों को उनके दायित्वों से अवगत कराते हुए सीईटीपी के माध्यम से ही जल का शोधन सुनिश्चित करने पर जोर दिया।बैठक में विशेषज्ञों ने भिवाड़ी जलभराव की समस्या के निस्तारण हेतु प्रस्तावित डीपीआर पर विस्तार से जानकारी दी। इसमें भिवाड़ी क्षेत्र में घरेलू उपयोग जल, औद्योगिक अपशिष्ट जल और वर्षा जल का पृथक्करण कर उपचारित जल को औद्योगिक इकाइयों को पुन: उपयोग हेतु उपलब्ध कराने का प्रस्ताव शामिल है।उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाइयों के दूषित जल उपचार हेतु 6 एमएलडी क्षमता की सीईटीपी पहले से स्थापित है जबकि 34 एमएलडी क्षमता का एसटीपी निर्माणाधीन है। इसे एडिशनल और टर्शरी ट्रीटमेंट तकनीक से आधुनिक बनाकर औद्योगिक इकाइयों के पैरामीटर के आधार पर पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग औद्योगिक इकाइयों में पुन: किया जा सके। अशोक शर्मा/ 5 बजे/ 20 सितम्बर 2025