- स्थानीय निकाय चुनावों के चलते लाडली बहनों को सरकार से राहत मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र में महिलाओं के बीच लोकप्रिय हो चुकी मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना एक बार फिर चर्चा में आ गई है। इस योजना के ज़रिए महिलाओं को 1500 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना में कुछ अनियमितताएँ सामने आई थीं। जांच पता चला था कि हजारों पुरुषों के साथ-साथ कुछ महिलाओं ने भी, जो मानदंडों को पूरा नहीं करती थीं, इस योजना का लाभ लिया। इस अनियमितता को रोकने और योजना में पारदर्शिता लाने के लिए, सरकार ने सभी महिलाओं के लिए ई-केवाईसी करना अनिवार्य कर दिया था। हालाँकि, अब राज्य सरकार ने इस ई-केवाईसी फैसले को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। इससे योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है। जी हाँ, महायुति सरकार ने भाऊबीज पर्व की पूर्व संध्या पर राज्य की लाडली बहनों की नाराजगी दूर करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। दरअसल इस ई-केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से यह जाँच की जा रही थी कि इसका लाभ उठा रही महिलाओं के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है या नहीं। इस जाँच में महिला के पिता और पति की आय का भी सत्यापन किया जा रहा था। इस जाँच से राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाओं के अपात्र होने की आशंका थी, जिससे लाभार्थी महिलाओं में नाराजगी का माहौल था। हालाँकि, अब सरकार ने अनिवार्य ई-केवाईसी को फिलहाल निलंबित करने का फैसला किया है, जिससे इन महिलाओं को बड़ी राहत मिली है। - स्थानीय निकाय चुनावों के चलते लाडली बहनों को सरकार से राहत सूत्रों के अनुसार, सरकार ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। सरकार ने चुनाव काल में महिला वर्ग की नाराजगी मोल लेना ठीक नहीं समझते हुए अनिवार्य ई-केवाईसी को फिलहाल रोक दिया है। इस फैसले से योजना की महिला लाभार्थियों को अक्टूबर की किस्त मिलने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि महिलाओं को यह आर्थिक सहायता कुछ और महीनों तक मिलती रहेगी। इस योजना के तहत अगस्त 2025 तक 14 किस्तें वितरित की जा चुकी हैं, जिससे राज्य की महिलाओं को बड़ी आर्थिक मदद मिली है। स्वेता/संतोष झा- २३ अक्टूबर/२०२५/ईएमएस