नई दिल्ली,(ईएमएस)। आतंकवादियों के पनाहगाह पड़ोसी देश को इस बात की आशंका सताती रहती है कि पता नहीं भारत की ओर से कब कौन सी आफत आ जाए। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान भारत की हर सैन्य गतिविधि पर करीब से नजर रख रहा है। इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स ज्वाइंट एक्सरसाइज कर रही है, जिससे पाकिस्तान खासकर आर्मी में खलबली मची हुई है। इस्लामाबाद न दिनों दोतरफा अटैक से लहूहुहान है। एक तरफ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान लगातार हमले कर रहा है तो दूसरी तरफ बलूच विद्रोही लगातार जख्म दे रहे हैं। पाकिस्तान की सेना और पुलिस इससे निपटने में पूरी तरह से नाकाम रही है। दूसरी तरफ, भारत ने रेगिस्तान से समंदर तक ज्वाइंट आर्म्ड एक्सरसाइज कर रहा है, ऐसे में पड़ोसी मुल्क में खलबली मची हुई है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी का बयान इसी बौखलाहट का नतीजा है। इसे देखते हुए पाकिस्तान की ओर से ताबड़तोड़ नोटम इश्यू कर रहा है। इंटेलिजेंस और मीडिया विश्लेषक संकेत दे रहे हैं कि इस बयान के पीछे पाकिस्तान के आंतरिक दबाव और रणनीतिक नाजुकता एक वजह है। पाकिस्तान को अंदरूनी कानून-व्यवस्था, टीटीपी की सक्रियता और बलूचिस्तान में हमलों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे पब्लिक यूनिटी का संदेश देना जरूरी हो गया है। आईएसपीआर के वक्तव्य को इसी दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। सुरक्षा तैयारी के संकेत के तौर पर पाकिस्तान ने 1 नवंबर से 30 नवंबर तक तटीय इलाकों के साथ ही दक्षिणी एयरस्पेस के बड़े हिस्सों को बंद करने वाला नोटम जारी किया है। विश्लेषकों के अनुसार यह कदम त्रिशूल अभ्यास के दौरान संभावित समुद्र आधारित लाइव-फायर या मिसाइल परीक्षणों से जुड़ा संकेत हो सकता है। अफगानिस्तान से लगती सीमा पर भी पाकिस्तान को व्यापक टकराव का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान ने अक्टूबर में अफगानिस्तान स्थित टीटीपी शिविरों पर हवाई हमले किए थे। दोनों पक्षों के उच्च-स्तरीय संदेश और एयरस्पेस या नेवल-हस्तक्षेप जैसी तैयारियां किसी भी गलफहमी को बढ़ा सकती हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिली करारी हार को पाकिस्तान अभी तक भूला नहीं है, ऐसे में इतने व्यापक पैमाने पर संयुक्त सैन्य अभियान से पड़ोसी देश में खलबली का आलम है। वीरेंद्र/ईएमएस 05 नवंबर 2025