बुरहानपुर (ईएमएस)। प्रदेश भर में एसआईआर. विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) को लेकर व्यापक सक्रियता देखने को मिल रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाते हुए 21 वर्षों बाद मतदाता सूची के सत्यापन और अद्यतन का बड़ा अभियान शुरू किया है। लेकिन इसको लेकर हु हा पहु की स्थिति बनी हुई है लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने तथा प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह पुनरीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस कार्य को सफल बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने बीएलओ को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें एसआईआर. पुनरीक्षण के फॉर्म प्रदान कर रहे हैं। इन फॉर्मों में नागरिकों को अपने नाम, पते, जन्मतिथि, परिवार के सदस्यों और पहचान से जुड़ी आवश्यक जानकारी भरनी है। लेकिन वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अनेक परिवारों के नाम नहीं होने से लोगों में घबराहट देखी जा रही है आयोग के द्वारा वर्ष 2003 की मतदाता सूची को आधार तो बनाया गया है लेकिन यह सर्वे विद्युत है कि मतदाता सूचियां में अनेक परिवारों के नाम नहीं होना आम शिकायत है बावजूद इसके आयोग ने 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाया है अब ऐसे में जिन परिवारों के नाम इस सूची में नहीं है वह परेशान देखे जा रहे हैं उनके लिए आयोग के द्वारा जो प्रक्रिया को निर्धारित किया गया है वह कठिन और जटिल होने से लोग परेशान हो रहे हैं मतदाताओं को इन फॉर्मों को ध्यानपूर्वक भरकर समय पर बीएलओ के पास जमा कराना आवश्यक है। आयोग का उद्देश्य यह है कि कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रहे एसएआईआर. पुनरीक्षण प्रक्रिया न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि नागरिकों में लोकतांत्रिक जागरूकता बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम भी है। ईएमएस/16/11/2025