लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब प्रेस सशक्त, नैतिक और पारदर्शी होगा -कोल विधायक को सम्मानित करते सहायक सूचना निदेशक और पत्रकार बंधु अलीगढ़ (ईएमएस)। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश जर्जलिस्ट एसोशिएशन के तत्वाधान में जवाहर भवन सभागार में ’’पत्रकारिता में प्रेस काउंसिल की भूमिका’’ विषय पर संगोष्टी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ मा0 वीणावादिनी मॉ सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। विधायक कोल अनिल पाराशर ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकार संविधान का चौथा स्तम्भ और समाज का तीसरा नेत्र हैं। आज के डिजिटल युग में प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता बनी हुई है। समाज को सही रास्ते पर ले जाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। एमएलसी डा0 मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर एकत्र हुए हैं। यह दिन हमें न केवल भारतीय प्रेस की गौरवशाली परंपरा की याद दिलाता है, बल्कि हमें यह भी सोचने के लिए प्रेरित करता है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र की नींव होती है। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि समय के साथ सभी की भूमिका परिवर्तित होती रहती है, ऐसे में आत्म मंथन बहुत आवश्यक है। उन्होंने प्रशासन एवं पत्रकारों के मध्य आपसी समन्वय पर बल देते हुए कहा कि हम एक-दूसरे के पूरक हैं, किसी भी स्तर पर संवाद हीनता की स्थिति नहीं होनी चाहिए। स्थानीय मीडिया को सत्यता की वास्तविक जानकारी होती है। राष्ट्र निर्माण में आपकी सक्रिय भूमिका की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में महिलाओं के आना एक बहुत ही सकारात्मक पहल है। सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार ने सभी पत्रकार साथियों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस बधाई दी और बताया कि भारत के प्रेस परिषद की स्थापना इसी उद्देश्य से हुई थी कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा हो, पत्रकारों को अपना कार्य बिना भय और दबाव के करने का वातावरण मिले, और समाचारों की विश्वसनीयता बनी रहे। प्रेस दिवस हमें स्मरण दिलाता है कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब प्रेस सशक्त, नैतिक और पारदर्शी होगा। उन्होंने पत्रकार साथियों को आश्वस्त किया कि पत्रकारों के हित में शासन द्वारा जो भी निर्णय लिये जाते हैं उनका शत-प्रतिशत लाभ उन्हें दिलाया जाएगा। मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार राज नारायण सिंह ने कहा कि 16 नवंबर 1966 को प्रेस काउंसिल काउंसिल ऑफ इण्डिया की स्थापना हुई। पत्रकार को सभी प्रकार की विषम परिस्थतियों में भी कार्य करना होता है, उसे कोई माहलत नहीं है। आज उनके लिए आर्थिक सहयोग की बातें तो होती हैं लेकिन वह कहीं न कहीं अधूरी रह जाती हैं। उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों को नमन करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी को उनके मार्गदर्शन की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यक्रम संयोजक उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा कि जब 1966 में प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया की स्थापना हुई तो उसमें केवल प्रिंट मीडिया के लिए ही प्राविधान किया गया। उन्होंने बदलते समय की मांग को ध्यान में रखते हुए आव्हान किया कि अब समय है प्रेस काउंसिल का दायरा बढ़ाते हुए ’’मीडिया काउंसिल’’ का गठन किया जाए, जिसमें प्रिंट व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया का भी प्राविधान हो। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी राकेश कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ठाकुर द्वारा तीन दिव्यांग बालिकाओं- अंशिका वार्ष्णेय, भूमि उपाध्याय एवं शैली को 10-10 हजार रूपये के चैक प्रदान किए गये। उन्होंने बताया कि विगत तीन माह पूर्व उन्होंने 201 करोड़ रूपये दिव्यांग बालिकाओं के सहायतार्थ दान करने का निर्णय लिया जिसमें से अब त कवह 29.50 लाख रूपये वितरित कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में उनकी योजना दिव्यांगों के निःशुल्क ईलाज के लिए एक हॉस्पीटल स्थापना की भी है। कार्यक्रम के अंत में उपजा के पदाधिकारियों द्वारा सभी आंगतुकों एवं अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। ईएमएस/धर्मेन्द्र राघव/ 16 नवंबर 2025