राज्य
27-Dec-2025
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भोपाल(ईएमएस)। मध्य प्रदेश में मदिरा प्रेमियों के बीच शराब के उपभोग का तरीका तेजी से बदल रहा है। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि प्रदेश में अब लोग ठंडी बीयर को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बीयर की लोकप्रियता का आलम यह है कि इसने बिक्री के मामले में देसी शराब और इंडियन-मेड फॉरेन लिकर(आईएमएफएल) यानी अंग्रेजी शराब, दोनों को काफी पीछे छोड़ दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में बीयर की बिक्री अंग्रेजी शराब के मुकाबले लगभग तीन गुना अधिक है, जबकि देसी शराब की खपत अंग्रेजी शराब से दोगुनी होने के बावजूद बीयर से कम बनी हुई है। शराब के प्रति पसंद में यह बड़ा बदलाव पिछले पांच वर्षों के दौरान देखा गया है। गौरतलब है कि साल 2021-22 तक मध्य प्रदेश में देसी शराब की बिक्री सबसे अधिक हुआ करती थी। हालांकि, पिछले तीन सालों से बीयर की खपत में निरंतर वृद्धि हो रही है और यह अब शीर्ष स्थान पर काबिज है। बीयर के बाद दूसरे नंबर पर देसी शराब का स्थान आता है। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2020-21 में देसी शराब की बिक्री 899.16 लाख प्रूफ लीटर थी, जो 2024-25 में बढ़कर 1522.76 लाख प्रूफ लीटर तक पहुंच गई। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में नवंबर माह तक ही 921.79 लाख प्रूफ लीटर देसी शराब की खपत दर्ज की जा चुकी है। अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) की बिक्री भी पिछले पांच सालों में दोगुनी हुई है, लेकिन बीयर और देसी शराब के विशाल आंकड़ों के सामने यह काफी पीछे है। साल 2020-21 में जहां आईएमएफएल की 420.65 लाख प्रूफ लीटर बिक्री हुई थी, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा 720.75 लाख प्रूफ लीटर रहा। इसकी तुलना में बीयर की लोकप्रियता का ग्राफ कहीं अधिक ऊंचा है। विधानसभा में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शराब की बढ़ती बिक्री का सीधा असर राज्य के खजाने पर भी पड़ा है। आबकारी विभाग के राजस्व में इस दौरान भारी उछाल देखा गया है। वर्ष 2020-21 में विभाग का कुल राजस्व 9520.96 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2024-25 तक बढ़कर 15,254 करोड़ रुपये के प्रभावशाली आंकड़े तक पहुंच गया है। सरकार ने यह डेटा 18 दिसंबर को अपने कार्यकाल के महत्वपूर्ण पड़ाव पर साझा किया। विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं और मध्यम वर्ग के बीच बदलती जीवनशैली और सामाजिक स्वीकार्यता के कारण बीयर की खपत में यह अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है, जिससे राज्य सरकार को मिलने वाले कर में भी भारी इजाफा हुआ है। वीरेंद्र/ईएमएस/27दिसंबर2025