बीएनपी की भीड़ ने एनसीपी की कोशिशों को पीछे धकेला ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। लंबे समय से लंदन में रह रहे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 25 दिसंबर को 17 साल बाद स्वदेश लौटे। उनकी वापसी पर लाखों समर्थकों ने ढाका में जोरदार स्वागत किया, जिसने पूरे देश की सुर्खियां बटोरीं। इसी बीच, छात्रों द्वारा गठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) की हालिया भारत-विरोधी प्रदर्शनों की कोशिशें फीकी पड़ती नजर आईं। बता दें तारिक रहमान पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी के प्रमुख हैं। तारिक ने अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में मार्टिन लूथर किंग जूनियर की मशहूर लाइन आई हैव ए ड्रीम का जिक्र करते हुए कहा- मेरे देश के लिए एक प्लान है। तारिक की वापसी ऐसे समय में हुई है जब देश में हालिया हिंसा और भारत-विरोधी प्रदर्शनों ने माहौल गरमाया हुआ था। दिसंबर में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा में भारत-विरोधी नारे लगे और कई संस्थानों पर हमले हुए। एनसीपी के नेता इन प्रदर्शनों में सक्रिय थे और भारत पर आरोप लगाते रहे। एनसीपी इन प्रदर्शनों से सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रही थी, लेकिन तारिक रहमान की जोरदार वापसी और बीएनपी की भीड़ ने एनसीपी की इन कोशिशों को पीछे धकेल दिया है। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बांग्लादेश में हिंसा का दौर तेज हुआ। अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक भीड़ हिंसा में 184 लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरिम सरकार ने शांति की अपील की है, लेकिन चुनावी माहौल पर इसका साया गहराता जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर एनसीपी पूरी तरह विभाजित होती है या किसी बड़े दल में विलीन होती है, तो यह न सिर्फ पार्टी के लिए बल्कि बांग्लादेश की युवा राजनीति और आगामी चुनावों के लिए भी निर्णायक साबित हो सकती है। सिराज/ईएमएस 27दिसंबर25 ------------------------------------